जानिए आखिर किस वजह से गैलीलियो गैलिली पर चला था मुकदमा

इतिहास में सबसे पहले महान गणितज्ञ निकोलस कॉपर्निकस ने ये बताया था कि पृथ्वी सूरज के चक्कर लगाती है. उन्होनें सिर्फ बताया था, लिखा नही था. बता दें उन्होने लिखा इसलिए नही कि उन्हें चर्च का डर था.
उसके 21 साल बाद 15 फरवरी 1564 को इटली में जन्में गैलीलियो गैलिली ने एक किताब लिखी, डायलॉग जिसमें लिखकर दावा किया कि पृथ्वी सूरज के चक्कर लगाती है. ये बात चर्च को बहुत बुरी लगी उन्होने गैलीलियो गैलिली को जेल में डाल दिया. यहां तक कि उनपर मुकदमा ठोक दिया गया. उन्हें अपनी बात साबित करने के लिए आज ही के दिन 13 फरवरी को रोम की चर्च के सामने पेश होना पड़ा. यहां तक कि वो उस समय तक बिल्कुल अपने दावे पर अड़े रहे और कहते रहे कि उन्होंने जो लिखा है, वो सही है. उनकी बात को किसी ने स्वीकार नही किया और उन्हें जेल में डाल दिया गया.
जब उनसे अत्याचार सहन नही हुआ तो उन्होनें चर्च के सामने अपने लिखे के लिए माफी मांग ली.उनकी सजा कम कर दी गई, लेकिन उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया. यहां तक कि उनकी ही किताबों को छापने पर रोक लगा दी गई. वहीं नजरबंदी के वक्त ही 8 जनवरी 1642 को उनकी मौत हो गई.गैलीलियो की मौत के करीब 350 साल बाद अक्टूबर 1992 को पोप जॉन पॉल ने माना कि चर्च गलत था और गैलीलियो सही कह रहे थे. इसके अलावा उनका कहना था कि चर्च ने ठीक नहीं किया था.