श्मशान में जलने लगी शिक्षा की ज्योति
 

 | 
श्मशान में जलने लगी शिक्षा की ज्योति

श्मशान घाट में चिता जलाई जाती है. जी हां लेकिन आपको जानकर ये हैरानी होगी कि श्मशान में ही शिक्षा बच्चो को शिक्षा देने की पहल चलाई जा रही है. वही यहां कॉलेज के एक शिक्षक की पहल से शवयात्रा के सिक्के बीनने वाले बच्चों को न सिर्फ शिक्षा दी जा रही है, बल्कि उन्हें जीवन मूल्य और पर्यावरण प्रेम भी सिखाया जा रहा है. यहां बच्चे गलती करते हैं तो सजा भी मिलती है, लेकिन सजा भी उन्हें सीख दे जाती है. उन्हें गलती करने पौधा रोपना पड़ता है. वहीं इस पहल के अब परिणाम भी दिखाई देने लगे है.

दरअसल सागर के नरयावली नाके के पास झुग्गियों में रहने वाले बच्चे पहले जलती हुई चिताओं के पास खेलते रहते थे और शवयात्रा में फेंके जाने वाले सिक्के बीनकर अपना गुजर बसर करते थे. इन बच्चों पर कॉलेज शिक्षक की नजर पड़ी है जिन्होने श्मशानघाट में ही इन बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी और पर्यावरण पढ़ाना शुरू कर दिया.

बता दें इसे मिशन मुक्तिधाम पाठशाला नाम दिया गया है. मुक्तिधाम की बाउंड्रीवाल को ही ब्लैक बोर्ड बना लिया गया है. पांच से 12 साल तक के इन बच्चों को कुछ जुनूनी युवा मुक्तिधाम में पढ़ाने के लिए जाते हैं. जो विषय इन बच्चों को पढ़ाए जा रहे हैं, उनमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण संरक्षण के अलावा योग, चित्रकला, गायन और नृत्य शामिल हैं. साथ ही साथ इन्हें खेलकूद के साथ व्यक्तित्व विकास से जुड़े चैपटर भी पढ़ाए जाते हैं.