Manipur Violence की Kuki Victim ने Interview में बताई दिल दहलाने वाली हकीकत
kuki Victim की एक महिला की आपबीती
मणिपुर के चुराचांदपुर के रिफ्यूजी कैंप के कमरे में सन्नाटे के बीच 42 साल की वो महिला रह रही है जिसके ऊपर दरिंदों की भीड़ टूट पड़ी थी। 4 मई को दरिंदगी के उस नंगे नाच जिन दो महिलाओं की परेड ना मर्दों की भीड़ करा रही थी। उसमें से एक पीड़िता ने अपना दर्द बयां किया जो दिल दहला देने वाला है। पीड़िता ने उस खौफनाक दिन को याद करते हुए बताया।
" भीड़ पहाड़ों के रास्ते हमारे गांव को जलाती हुई लूटी हुई गाय, बकरी और सुरों के साथ लौट रही थी। इसी दौरान कुछ बकरियां वहाँ आ गईं जहाँ हम छिपे हुए थे। बकरियों के पीछे वो भी आए और इस तरह भीड़ ने हमें पकड़ लिया। भीड़ ने कुकी जनजाति के लोगों को दो ग्रुप में बांट दिया। मुझे और 21 साल की एक लड़की को उसके पिता और भाई के साथ भीड़ मेन रोड पर ले गयी। हमारा घर, साजो सामान सब कुछ जला दिया गया। भीड़ से कुछ लोग कह रहे थे की हम तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन जैसे ही और लोग वहा आए उन्होंने हम पर लात और मुक्कों की बरसात करनी शुरू कर दी उन्होंने हमारे कपड़े फाड़े। हमें गलत तरीके से दबोचा। हम सब बचने के लिए एक पुलिस वाहन में छिप गए। पुलिस जीप में दो पुलिसवाले और एक ड्राइवर था, लेकिन भीड़ ने पुलिसवालों को भी भगा दिया। 21 साल की उस लड़की के जिस्म से जब भीड़ खिलवाड़ करने लगी तो उसके पिता और भाई ने विरोध किया, लेकिन भीड़ ने उन्हें जान से मारकर उनकी लाश ड्रीम मे फेक दी। इसके बाद वो लोग उसकी और आये। और भीड़ ने हम तीन महिलाओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया। वो धमकी देते रहे की वो हमें जान से मार देंगे। इसके बाद हमें रोड से धान के खेत में ले जाया गया, जहाँ कुछ लोगों ने घेरकर 21 साल की लड़की के साथ गैंगरेप किया। मैं उन के आगे गिड़गिड़ाती रही की मुझे छोड़ दो, मैं एक माँ हू! मैंने सोचा शायद उनको कुछ दया आ जाए। लेकिन भीड़ तो वहशी हो चुकी थी। उस लड़की को घेर कर भीड़ से चीखकर लोग पूछ रहे थे। कौन इसका रेप करना चाहता है ? इस भीड़ में कई लोग ऐसे भी थे, जिन्हें मैं पहचानती थी। कुछ पड़ोसी और कुछ पास के गांव वाले मैं उनसे रहम की भीख मांगती रही। दो घंटों तक भीड़ की दरिंदगी चलती रही। इसके बाद हमें दोबारा उस पुलिस जीप के पास लाया गया था जहाँ हमारे कपड़े उतारे गए थे। वहाँ पर 21 साल की लड़की के पिता और भाई की लाश पड़ी थी। वो लड़की फूट फूटकर रोने लगीं। कुछ लोग हमारे पास आए और कहा की तुम लोग चले जाओ वरना तुम भी मारे जाओगे। कुछ लड़कों ने हमें टी शर्ट दी। लेकिन भीड़ ने वो भी छीन लिए। हम किसी तरह खुद को दुपट्टे में छिपाते हुए गांव तक पहुंचे। वहाँ सभी महिलाएं जान बचाने के लिए पहाड़ों के रास्ते नागा गांव में जा रही थी। मैं भी उनके साथ चली गई। कई दिनों की ट्रैकिंग के बाद हम चुराचंदपुर में असम राइफल्स के रिलीफ कैंप में पहुंचे। "
बता दें कि पिछले ढ़ाई महीने से मणिपुर कुकी और मैदेही समुदाय के बीच एक हिंसा की आग वायरल वीडियो की दरिंदगी वाली घटना 4 मई को घटी थी, लेकिन यह वीडियो वायरल हुआ 19 जुलाई को जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ सारा देश सन्न रह गया। गुरुवार को इस घटना का मुख्य आरोपी गिरफ्तार हुआ। चार मुख्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हजारों की उस भीड़ में जाने कितनों को कानून सजा दे पाएगा, लेकिन इस दरिंदगी का दहशत इन महिलाओं के जेहन में एक डरावने सपने की तरह हमेशा रहेगा। हमारी प्रार्थनाएँ पीड़िताओं के साथ।