नरेंद्र मोदी की कर्मवीर योद्धाओं हेतु नम हुई आखें

सलाम उन सभी योद्धाओं को जिन्होंने बुरे वक्त में भी हमारे सामने आशा की ज्योत जलाए रखी। यह आशा का दीपक हमेशा जगमगाता रहेगा।
भाषण के वक्त भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आँखें भी नम हुई। भाषण देते-देते गला भी भर आया। उन्होंने बहुत ही व्याकुल मन से कहा- जो हमें छोङकर चले गए, हम उनको अपनी परम्परा के अनुरूप बिदाई भी न दे सके। इन सभी योद्धाओं को शत-शत नमन, हमें बचाते-बचाते उनके प्राण चले गए। नम तो हमारी भी आँखें हुई हैं, जो हमें बचाते-बचाते चले गए हैं। हम भी कहेंगे-
“ए मेरे वतन के लोगों,
आँख में भर लो पानी।
जो शहीद हुए हैं उनकी,
जरा याद करो कुर्बानी।”
जिन्होंने हमारे लिए कुर्बानी दी है, उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। जो लौटकर घर नहीं आ पाए, उनकी याद हमेशा हमारे मन में रहेगी। वातावरण में अगर आशा है, तो हो न हो किसीने इसपर निराशा के दीप को बुझाए रखा था और हमें सकारात्मक दिशा की तरफ ला रहा था। सलाम उन सभी योद्धाओं को जिन्होंने बुरे वक्त में भी हमारे सामने आशा की ज्योत जलाए रखी। यह आशा का दीपक हमेशा जगमगाता रहेगा।