सच्चा राष्ट्रवादी ही भारत माँ का सच्चा सपूत हो सकताहै

भारत को आजादी भले ही मिल गई थी, लेकिन कुछ तथ्य जनता जानकर भी अजनान बनकर रह गई थी। 70 साल तक 370 किसके दबाव में लगा रहा, यह कोई नहीं जानता है। जब से 370 हटा है कुछ लोगों में बचैनी बनी हुई है।
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सच्चा राष्ट्रवादी ही भारत माँ का सच्चा सपूत हो सकताहै
ऐसा ही अध्याय के तहत,  हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत के इतिहास को ही बदलकर रख दिया।

गृहमंत्री अमित शाह जी ने कहा है कि जो लोग अपनी सस्ती लोकप्रियता के लिए जम्मू और कश्मीर में अफवाह फैला रहे हैं उन्होंने कहा-  “अधिकांश अधिकारी बाहर से हैं, तो मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि कोई बाहर से नहीं है। सब भारत माता की संतान है और इसी देश में जन्में हैं।

ये बाहर-बाहर का बोलकर, ये लोग देश में एक नया और बहुत गलत फैशन लाए हैं। उन्होंने कहा है कि पूरे देश में आईएएस और आईपीएस बनकर देश की सेवा कर रहे होते। हम पर दबाव की बात करनेवाले और हमसे स्टेटहुड कब दोगे? पूछनेवाले जरा बताएं कि जब संविधान में लिखा था कि धारा 370 अस्थायी है, तो आपने किसके दबाव में 70 साल तक धारा 370 को चालू रखा था?”

भारत को आजादी भले ही मिल गई थी, लेकिन कुछ तथ्य जनता जानकर भी अजनान बनकर रह गई थी। 70 साल तक 370 किसके दबाव में लगा रहा, यह कोई नहीं जानता है। जब से 370 हटा है कुछ लोगों में बचैनी बनी हुई है, क्योंकि बहुत ऐसे लोग हैं जिन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है। वे स्वयं को भारतीय कहकर भी भारतीय नहीं बन सके। जिनके मन में मात्र सत्ता और कुर्सी की ललक है। वे कभी देश और जनता के साथ न्याय नहीं कर सकते हैं। इतने सालों बाद देश की बागडोर सही हाथों में आयी है। सबको को यह कहकर भ्रम में डाल दिया गया था कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। यही सबको पढाया भी जाता था। वास्तव में, अब पता चला है जम्मू और कश्मीर भारत का ही एक हिस्सा है जिसे अभिन्न अंग बनाकर अलग करने की कोशिश की गई थी।

अमितशाह ने बहुत बङा बयान देते हुए कहा है “हम कश्मीर के लिए अपनी जान दे देंगे।” देश के इतिहास में नए अध्याय कई बार जुङे हैं। ऐसा ही अध्याय के तहत, हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत के इतिहास को ही बदलकर रख दिया। इतने प्रधानमंत्री आए और गए सबने इस मुद्दे को अनछुआ ही रहने दिया। बस एक औपचारिकता के रूप में दो शब्द कह कर निकल जाते थे। करनी और कथनी में फर्क होता है। करनेवाला कहता नहीं और कहनेवाला करता नहीं। 370 और 35-ए के हटते ही पूरी सरकार में खलबली मच गई थी। यह किसी के लिए मीठे अमृत के समान था, तो किसी के लिए मीठे जहर के समान था। यह आग आज भी कई लोगों के दिल में भभक रही है। उनकी बेचैनी और घबराहट समाप्त नहीं हो रही है।

देशभक्त और राष्ट्र का हित करनेवाले ही इस मुद्दे के समर्थन में हमेशा रहेंगे। भारत माँ की गोद में बैठकर, दुश्मन देश का समर्थन करनेवाले कभी भारत माँ के नहीं हो सकते। माँ तो माँ होती है। बेटा कैसा भी हो झेल जाती है, परंतु ऐसे बेटों का भविष्य अंधकारमय होता है, क्योंकि वे जीते-जी अपने माता-पिता के नहीं हो सकते।