प्रताप सारंगी: एक विवादास्पद नेता की असलियत
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प्रताप सारंगी को मामूली चोट पर BJP और मीडिया की चर्चा।
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1999 की ओडिशा घटना जहां VHP नेता दारा सिंह ने ग्राहम स्टेन्स और उनके बच्चों को जलाया।
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प्रताप सारंगी का VHP से जुड़ाव और उनका दारा सिंह को न जानने का दावा।
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वैश्विक प्रतिक्रिया और पोप जॉन पॉल का भारत दौरा।
प्रताप सारंगी, जिन्हें हाल ही में एक छोटी सी घटना के बाद बहुत अधिक मीडिया कवरेज मिली है, वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी पृष्ठभूमि और कार्यवाहियों का विश्लेषण करने पर उनकी छवि काफी विवादास्पद हो जाती है। 1999 में ओडिशा में हुई एक भयानक घटना में, VHP नेता दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई ईसाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो छोटे बेटों को बंद जीप में जिंदा जला दिया था। उस समय प्रताप सारंगी ओडिशा में VHP के अध्यक्ष थे, और इस घटना में उनका नाम जुड़ा हुआ था।
हालांकि, जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो सारंगी ने दारा सिंह को न जानने का दावा किया और कहा कि सिंह VHP से संबंधित नहीं है। यह घटना न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विवाद का कारण बनी, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को विश्व बिरादरी से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके अतिरिक्त, पोप जॉन पॉल द्वितीय को भारत आना पड़ा, जिससे यह घटना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी।
आज जब प्रताप सारंगी को मामूली चोट लगी है, तो BJP और कुछ न्यूज़ चैनल उसे बड़े मुद्दे की तरह उठा रहे हैं, जबकि 1999 की रात की वह तपिश, जिसमें ग्राहम स्टेन्स और उनके बच्चों की चीख-पुकार सुनाई दे रही थी, उस दर्द की तुलना में उनका दर्द कितना तुच्छ लगता है। यह स्थिति समाज के उस तबके की प्रतिक्रिया को भी उजागर करती है जो विवादास्पद नेताओं को बिना पृष्ठभूमि के जांचे उठाते हैं।
प्रताप सारंगी की कहानी, उनके राजनीतिक करियर और उनके संगठनों के साथ उनके जुड़ाव को समझने का एक अवसर है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारी प्राथमिकताएं सही जगह पर हैं।