प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने किसानों से की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने किसानों के आंदोलन को खत्म करने की अपील की है और बातचीत करने के लिए निमंत्रण भेजा था। अब किसान नेता ने कहा है। अगले बातचीत की तारीख घोषित करें। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने राज्य सभा में मोदी ने आंदोलन जीवियों की नई जमात पैदा होने की बात की थी। इस टिप्पणी पर किसानों ने कहा लोकतंत्र में आंदोलन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। नरेंद्रमोदी के किसानों के वार्ता के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्य शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी ने कहा है “सरकार बातचीत के लिए स्थान और तारीख तय कर ले, किसान सरकार भी बातचीत के लिए परेशान है। किसान बातचीत के लिए कभी भी पीछे नहीं हटा है।” आंदोलनकारियों की बात पर कक्काजी ने बताया कि राममनोहर लोहिया ने यह कहा है “जिस दिन सङकें सुनसान होंगी, उसी दिन संसद खामोश हो जाएगा। लोकतंत्र में सत्याग्रह आंदोलन जिंदा काम करती है। यह समय-समय पर दिशा और दशा बदलने का काम करती है। किसानों को अपनी पहचान की जरूरत नहीं है।”
कक्काजी ने कहा है-
“मुझे बंद करो या मेरी जुबां बंद करो
मेरी खयालों को बेङियां पहना दो।”
इनके कहने का अर्थ है- आप हमारी आवाजों को खामोश नहीं कर सकते हो। इनके अनुसार सात साल में विपक्ष बहुत ही कमजोर रहा। इसकारण यह आंदोलन हुआ।