उत्तराखण्ड मांगे भू कानून: लोगों की ये सकारात्मक सोच भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा
पड़ोसी राज्य हिमाचल और उत्तर- पूरब राज्य सिक्किम के तर्ज पर उत्तराखंड के लोगों की भू कानून बनाने की मांग आजकल तमाम सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से बढ़ रही है। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे वैसे भू कानून की मांग और ज्यादा तूल पकड़ता जाएगा और आगामी चुनाव में कहीं न कहीं मतदान की दिशा को भी प्रभावित करेगा। उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता की वजह से ही पर्यटन तथा तीर्थाटन पर राज्य की आर्थिकी मुख्य रूप से निर्भर है। लेकिन बाहरी राज्यों से आये हुए भू माफ़ियाओं एवं उद्योगपतियों द्वारा यहाँ की कृषि भूमि और वास्तविक जंगलों का नाश किया जा रहा है और मन माने ढंग से अंधाधुंध व्ययवसायिक निर्माण करके भौगोलिक दृष्टिकोण से राज्य को हानि पहुँँचा रहा है। इन सब पर विराम लगाने के लिए सरकार को ऐतिहासिक फैसला लेकर एक मजबूत और सख्त भू कानून बनाना होगा, जिस से राज्य की जनता को सीधा फायदा मिल सके। की संस्कृति, नैसर्गिक सुंदरता तथा कृषि भूमि को बचाने, भू माफ़ियाओं से छुटकारा दिलाने और पलायन रोकने के लिए एक मजबूत और सख्त भू कानून बनाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड के लोगों की यह भू कानून की मांग कहीं ना कहीं एक सकारात्मक सोच है और आगे आने वाले भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा।