महाराजा महाराणा प्रताप के बलिदान दिवस पर शत्-शत् नमन
महावीर देशभक्त महाराणा प्रताप जी के बलिदान दिवस को कोटि-कोटि नमन
“प्रतीक महान योद्धा,
जिन्होंने राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए
अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया।
ऐसे वीर शिरोमणि राष्ट्रीय गौरव
महावीर राणा प्रताप को शत-शत नमन।”
भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश एवं विधान परिषद सदस्य, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंग ने महावीर देशभक्त महाराणा प्रताप जी के बलिदान दिवस को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा है-
जिसकी तलवार की खनक से,
अकबर का दिल भी घबराता था ।
अजर –अमर वो शूरवीर,
वो महाराणा प्रताप कहलाता था।
पूरी ताकत लगा दी उस वीर को झुकाने में,
पर वो झुक न पाया।
देश नहीं भूल पाएगा,
वो हल्दी घाटी और घास की रोटियां।
वीरता और दृढ संकल्प के प्रतीक महाराणा प्रताप का जन्म हिंदू तिथि के हिसाब से 9 मई 1540 का ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में हुई थी, इसलिए इस हिसाब से इनकी जयंती 25 मई को भी मनाई जाएगी। इनका जन्म महाराज उदयसिंग एवं माता राऩी जीवत कुंवर सिंग के परिवार में हुआ था। इन्होंने कुछ वक्त भीलों के साथ गुजारा था, इसलिए भील इन्हें कीका नाम से बुलाया करते थे। कीका का अर्थ है- बेटा।
इन्होंने 1576 में 20000 सैनिकों के साथ 80000 मुगलों की सेना का सामना किया था। उस वक्त कई राजा मुगलों के अधीन हो गए थे। उन्होंने अपने स्वाभिमान को बनाएं रखने के लिए मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की। 1582 के दिवेर के युद्ध में उन क्षेत्रों पर महाराणा प्रताप ने कब्जा कर लिया था। यहाँ पर स्वतंत्र देव सिंग इनके वीर कौशल पर रौशनी डाली है, उनके वीरता का गुणगान करते हुए कहा है-
“प्रतीक महान योद्धा,
जिन्होंने राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए
अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया।
ऐसे वीर शिरोमणि राष्ट्रीय गौरव
महावीर राणा प्रताप को शत्-शत् नमन।”