उत्तराखंड राज्य के सात उत्पादों को मिला जीआइ टैग
सोमवार 27 सितंबर 2021 को सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में बौद्धिक संपदा भारत कार्यक्रम में उत्तराखंड के सात उत्पादों को भौगोलिक सकेंतांक (ज्योग्राफिक इंडिकेशन) टैग मिले हैं। जिससे इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।
Sep 28, 2021, 16:34 IST
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सोमवार को राज्य के सात उत्पादों को भौगोलिक सकेंतांक (ज्योग्राफिक इंडिकेशन) टैग मिला है। इनमें कुमाऊं च्यूरा तेल, मुनस्यारी राजमा, भोटिया दन, ऐंपण, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र उत्पाद और थुलमा को जी आई टैग मिला है, जिस से इन उत्पादों को देश दुनिया के बाजारों में पहचान मिलेगी।
सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में बौद्धिक संपदा भारत कार्यक्रम में उत्तराखंड के इन सात उत्पादों को जी आई (ज्योग्राफिक इंडिकेशन) टैग मिले। इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल व गणेश जोशी ने संबंधित विभाग को इनके प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
साथ ही कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां के उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रही है। वोकल फार लोकल और स्थानीय उत्पाद के प्रचार-प्रसार में जीआइ टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उत्तराखंड में और भी ऐसे उत्पाद हैं जो भौगोलिक क्षेत्र विशेष के आधार पर अपनी वैश्विक पहचान बना रहे हैं। अभी तक तेजपत्ता जीआइ टैग प्राप्त करने वाला उत्पाद था।
उन्होंने आगे कहा कि अब सरकार ने उत्तराखंड के मंडुवा, झंगोरा, बुरांस शरबत, काला भट्ट, चौलाई, रामदाना, अल्मोड़ा लाखोरी मिर्च, पहाड़ी तोर दाल व माल्टा जैसे 11 कृषि उत्पादों को जी आई टैग दिलाने के लिए आवेदन कर दिया गया है।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जिन उत्पादों को जीआइ टैग के प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं अब उनकी बाजार में मांग बढ़ेगी। इससे उत्पादकों को सीधा लाभ प्राप्त होगा। कार्यक्रम में तकनीकी कार्यशाला के द्वारा जीआइ टैग के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के सलाहकार भाष्कर खुल्बे और केंद्रीय सचिव अनुराग जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।