सरकार और किसान दोनों ही परेशान करेंगे जल्द ही बातचीत

किसान के आए नए मोङपर सरकार और किसान में बेचैनी देखने को मिल रही है। 
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सरकार और किसान दोनों ही परेशान करेंगे जल्द ही बातचीत
कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पहले से ही प्रदर्शन हो रहे हैं, इसलिए सरकार इसे सीमित रखकर इसकों शांति से निपटाना चाहती है।

26 जनवरी के हादसे के बाद किसान और सरकार दोनों ही परेशान हैं। कृषि कानून को लेकर हिंसा के बाद आए किसान के,  इस नए मोङपर सरकार और किसान में बेचैनी देखने को मिल रही है।  जिसतरह बीच-बीच में हालात उग्र हो रहे हैं, इसलिए सरकार शुक्रवार को पूरे दिन बैठक की। इसमें शामिल गृहमंत्री अमितशाह, रक्षा मंत्री राजनाथसिंह और बी.जे.पी अध्यक्ष जे. पी नड्डा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंग तोमर शामिल हुए। सरकार की यह शंका सामने आ रही है कि किसान आंदोलन कहीं और ज्यादा न बिगङ जाए, क्योंकि विपक्षदलों ने किसान आंदोलन  को समर्थन देकर, उन्हें भङकाने की कोशिश कर रहे हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पहले से ही प्रदर्शन हो रहे हैं, इसलिए सरकार इसे सीमित रखकर इसकों शांति से निपटाना चाहती है। वहीं किसान संयुक्त मोर्चा को भी अपनी चिंता पङी हुई है, क्योंकि 26 जनवरी के हिंसा के बाद काफी किसान अपने घर लौट रहे थे। गाजीपुर के पास किसानों की भीङ कम हो गई है। कुछ संगठनों ने आंदोलन छोङने का एलान भी कर दिया है।

किसान कमजोर पङ रहे हैं, उनकी चिंता बढ गई है कि हमारा आंदोलन कहीं भटक न जाए और हमारी मेहनत पर पानी न फिर जाए।