कोरोना का सिंगापुर वेरिएंट एक बड़ा खतरा
भारत में कोरोना की तीसरी लहर के अनुमान के बीच सिंगापुर में कोरोना के एक नए strain ने पूरी दुनिया को डरा दिया है। ये नया strain बच्चों पर ज्यादा तेज़ी से हमला कर रहा है और यह बहुत ही भयावह है।
चिंता का कारण यह भी है कि सिंगापुर में 4 बच्चों को कोरोना हो गया और वे इस नए वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं। ऐसा दावा है कि यह वेरिएंट B-one six one seven से मिलता-जुलता है। यह कोरोना का वही स्ट्रेन है जिसे इंडियन वेरिएंट कहा जाता है, क्योंकि इसका पहला मामला भारत में ही मिला था। सिंगापुर की हेल्थ अथॉरिटी ने बताया है कि यह बच्चे एक दूसरे के संपर्क में थे और इसी वजह से उन्हें संक्रमण हुआ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सिंगापुर में मिले वेरिएंट को बच्चों के लिए ख़तरनाक बताते हुए केंद्र सरकार से अपील की, कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवा तत्काल प्रभाव से रद्द होनी चाहिए। सिंगापुर के अलावा ब्राजील में भी कुछ महीनों में कोरोनावायरस से 5 साल से कम उम्र के 22 बच्चों की मौत हुई है। पूरी दुनिया में इस बीमारी से मरने वाले बच्चों की यह सबसे ज़्यादा संख्या है। गौरतलब है कि वहां इस संक्रमण से अन्य बच्चों को भी ख़तरा माना गया है, यह strain पूरी दुनिया के लिए बुरी ख़बर है। ताइवान में भी कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैलने लगा है। ताइवान में 333 नए मरीजों कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद बच्चों को इस संक्रमण से बचाने के लिए राजधानी ताइपे और red zone वाले इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। ऐसा ही कुछ हांगकांग में भी हुआ है जहां 4 महीने का एक बच्चा कोरोना से संक्रमित हो गया जिसके बाद स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नियम सख्त कर दिए गए हैं। इन देशों के यह हालात एक ही संकेत दे रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के निशाने पर अब छोटे बच्चे हैं और यह हमारे देश के लिए अच्छी ख़बर नहीं है।
भारत की कुल आबादी में 30% हिस्सा 18 साल से कम उम्र के बच्चों का है। ऐसे ने अब हमारे देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है इन बच्चों को कोरोना के ख़तरे से बचाना। वैज्ञानिक भी कह चुके हैं कि वायरस की तीसरी लहर का आना निश्चित है, और इसमें बच्चों को सबसे ज़्यादा ख़तरा होगा। अब सरकार के सामने चुनौती है इस strain से बच्चों का बचाव करना।