केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह का बयान, जनजागरण के नाम

देश के हर क्षेत्र में मोदीजी ने  आमूलचूल परिवर्तन किए हैं और जिस मॉडल पर 6.5 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार चल रही है, मैं बंगाल की जनता को बताना चाहता हूँ कि बंगाल में भाजपा की सरकार उसी विकास और सुशासन के मॉडल पर चलकर सोनार बंगला की रचना करेगी।
 | 
केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह का बयान, जनजागरण के नाम

इन्होंने शौर्य, बल पराक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब युद्ध जितना हो,  तो सिर्फ उत्साह नहीं जोश व शौर्य के साथ होश व रणनीति भी चाहिए। रणनिति की समीक्षावाली टीम व नेतृत्व भी चाहिए।

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी के छत्रछाया में हमारा देश और हमारी जनता बहुत सुरक्षित है। इनकी ‘कथनी और करनी’ दोनों समानरूप से सहजता के साथ चलती है।  

गृहमंत्री अमितशाह जी ने ट्विट करते हुए बताया है कि देश के हर क्षेत्र में मोदीजी ने  आमूलचूल परिवर्तन किए हैं और जिस मॉडल पर 6.5 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार चल रही है, मैं बंगाल की जनता को बताना चाहता हूँ कि बंगाल में भाजपा की सरकार उसी विकास और सुशासन के मॉडल पर चलकर सोनार बंगला की रचना करेगी। इन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में जो भ्रष्टाचार हो रहा है, घुसपैठ हो रही है दीदी... जो बंगाल के किसानों के 12000 रूपये और गरीब जनता को पाँच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलने से रोक रही है, अगर इन सब मुद्दों पर सवाल उठाने और सत्य कहने से उनको चिढ होती है, तो इसमें कुछ नहीं कर सकता!

उन्होंने कहा कि मैं उनको बताना चाहता हूँ कि बंगाल में तृणमूल काँग्रेस के गुंडे बचेंगे नहीं। भाजपा सरकार आएगी, तो  पाताल में भी से इन गुँडो को ढूँढ निकालेंगे और जिस जिस ने भी हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की होगी, उनको कानून के दायरे में लाकर जेल के अंदर डालेंगे।

उन्होंने कोलकत्ता की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी को तंज कसते हुए कहा कि ममता दीदी को हमपर हमला करने की बजाए बंगाल की गरीबी, खराब कानून व्यवस्था और जो घुसपैठ हो रही है उसे रोकने के लिए हमला करनी चाहिए। मुझे मालूम नहीं है कि ममता दीदी ‘जय श्रीराम’ के नाम से क्यों चिढती हैं। ‘जय श्रीराम’ को धार्मिक नारे के रूप में इंटरप्रेट करने का जो प्रयास टीएमसी कर रही है, वो गलत है।

इन्होंने शौर्य, बल पराक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब युद्ध जितना हो,  तो सिर्फ उत्साह नहीं जोश व शौर्य के साथ होश व रणनीति भी चाहिए। रणनिति की समीक्षावाली टीम व नेतृत्व भी चाहिए।

इन्होंने युवापीढी पर अपना विश्वास जताते हुए कहा है कि 50 साल बाद हममें से कोई भी इस मंच पर नहीं होगा। आप युवा ही 50-60 साल तक देश को आगे बढाएंगे, इसलिए आपकी जिम्मेंदारी ज्यादा है।  

इनके इस बयान से साफ जाहिर होता है कि पश्चिम बंगाल की परिस्थिति को लेकर इनका चिंतन गलत नहीं है, क्योंकि विकास के रास्ते में जो रोङा अटकाया जा रहा है, इससे हमारे देश और हमारी जनता का ही नुकसान है। ऊँचे पदों पर बैठकर भाषण देनेवालों का कुछ नहीं जाएगा, अगर जाएगा तो उन गरीब जनता का जो आज खाते हैं और कल के लिए सोच में रहते हैं कि कल क्या करेंगे। ये सफेदपोश गरीब जनता के आँख में धूल झोंकने के लिए है। वास्तव में बात कुछ और ही है।