न्यूमोकोकल वैक्सीन क्या है और उसका महत्व
कोरोना वायरस महामारी के बाद से ही पूरी दुनिया स्वास्थ के बारे में चिंतित और जागरूक हुई हैं। सब अपनी स्वास्थ का जितना हो सके उतना खयाल रख रहे हैं। और यदि भविष्य में कोरोनावायरस जैसे किसी अन्य वायरस का सामना करना पड़े, तो पहले ही स्वास्थ को अच्छा और रोगमुक्त बनाने की कोशिश में हैं। संसद में न्यूमोकोकल वैक्सीन के बजट के बारे में न्युमोकोकल वैक्सीन के बजट के बारे में बताया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( W H O ) द्वारा भारत के पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा विकसित की गई यह न्यूमोकोकल वैक्सीन हैं। लेकिन न्यूमोकोकल वैक्सीन असल में क्या हैं ? इस वैक्सीन को क्यों बनाया गया ? और इसका महत्व क्या हैं ? यह बात शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगी । तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको न्यूमोकोकल वैक्सीन के बारे में जानकारी देंगे।
न्यूमोकोकल वैक्सीन के बारे में जानकारी देशवासियों को बजट सत्र के दौरान दी। न्यूमोकोकल वैक्सीन के कारण हर साल 50 हजार बच्चों की जन बचाई जा सकती हैं। न्यूमोकोकल वैक्सीन एक विशिष्ट प्रकार के फेफड़ों के संक्रमण को रोकने कि विधि हैं। जैसे की निमोनिया । निमोनिया न्यूमोकोकल नाम के जीवाणु के कारण होता हैं। न्यूमोकोकल विषाणु के 80 से ज्यादा प्रकारों में से 23 वैक्सीन के ज़रिए ठीक किया जाता हैं। कई लोगों के शरीर ने न्यूमोकोकल विषाणु हो है; परंतु वे बीमार नहीं होते हैं। लेकिन जब ये लोग छींकते है; या सांस लेते है; या फिर खासते है, तब वह विषाणु अतिसूक्ष्म रूप में फ़ैल कर किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। इस तरह से न्यूमोकोकल विषाणु फैलते हैं। अब हम जानकारी देते है कि आखिरकार क्यों जरूरी हैं न्यूमोकोकल वैक्सीन।
न्यूमोकोकल एक संक्रमण रोग हैं; जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से बड़ी ही आसानी से फैलता हैं। जिसमे रक्त, फेफड़े और रीढ़ कि हड्डी की परत में गंभीर संक्रमण होने की संभावना अधिक होती हैं। न्यूमोकोकल विषाणु ज्यादा तर बच्चों, बुजुर्गों और जो लोग पहले अन्य बिमारियों से ग्रसित हैं; उनके किए घातक हैं। भारत ने साल 2018 में इस घातक विषाणु के कारण लगभग 1 लाख 27 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। और इसमें डायरिया जैसे अन्य विषाणु भी शामिल हैं। इसलिए इन रोगों से बचने के लिए आज के समय और आगे भी न्यूमोकोकल वैक्सीन की जरूरत हैं।