:BJP को बाबा साहेब से क्यों है दिक्कत? संविधान और शिक्षा के मुद्दे पर विवाद

राम मंदिर से सम्मान तक, क्या BJP का व्यवहार अंबेडकर के सिद्धांतों से विपरीत है?

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Ambedkar
  • BJP को बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान से दिक्कत, क्योंकि यह तानाशाही को रोकता है।

  • रामनाथ कोविंद के साथ कथित अपमान, राम मंदिर निर्माण के बाद भी।

  • शिक्षा पर जोर देने से BJP को दिक्कत, क्योंकि यह उन्हें कम पढ़ी-लिखी पार्टी बताता है।

  • गृहमंत्री के बयान और BJP कार्यकर्ताओं का व्यवहार, दलितों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।

हाल ही में, BJP को उनके संविधान और शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण के कारण आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यह आलोचना मुख्य रूप से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों और सिद्धांतों से जुड़ी है। बाबा साहेब के बनाए संविधान को, जो लोकतंत्र और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है, BJP के कुछ कार्यों से तानाशाही की आलोचना की जा रही है। विपक्ष और समाज के एक हिस्से का मानना है कि यह संविधान BJP को मनमानी करने से रोकता है, जिससे उन्हें दिक्कत होती है।

राम मंदिर के निर्माण के बाद, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ जो व्यवहार किया गया, उसे कुछ लोगों ने अपमानजनक माना है। भले ही मंदिर बना लिया गया हो, लेकिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति को उचित सम्मान न देने का आरोप BJP पर लगाया जा रहा है। इसी तरह, शिक्षा के मुद्दे पर, जिसे बाबा साहेब ने समाज की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण माना था, BJP को कम पढ़ी-लिखी पार्टी के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उन्हें शिक्षा पर बात करने में दिक्कत होती है।

संसद में, जब गृहमंत्री ने बाबा साहब के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की, तो कई लोगों ने इसे सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने वाला कदम बताया। इससे BJP कार्यकर्ताओं में एक नया हौसला दिखाई दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई घटनाएं सामने आईं, जैसे मध्य प्रदेश में एक दलित पर हमला या दलित की घोड़ी पर बैठने के लिए हत्या। ये घटनाएं यह बताती हैं कि कैसे शीर्ष नेतृत्व के वक्तव्यों से नीचे स्तर पर हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है।

इस तरह के विवादों ने BJP और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के बीच के रिश्ते को एक नई पड़ताल के लिए रख दिया है। यह सवाल उठता है कि क्या BJP सचमुच बाबा साहेब के विचारों का सम्मान करती है या उनका उपयोग अपने राजनीतिक हितों के लिए कर रही है।