भारत के अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण से आखिर क्यों डरा हुआ है चीन ?

चीन के डर के पीछे मुख्य कारण यह है कि प परमाणु संपन्न शक्ति बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की रेंज में उसका पूरा देश आ रहा है
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फाईल फोटो
भारत में अग्नि-5 मिसाइल का पहला परीक्षण 2012 में किया था। उसके बाद 2013, 2016, 2018 में भी सफल परीक्षण कर चुका है। अब 2021 में इसका फिर से परीक्षण किया जा रहा है। चीन के डर के पीछे मुख्य कारण यह है कि प परमाणु संपन्न शक्ति बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की रेंज में उसका पूरा देश आ रहा है। रक्षा विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि इसकी रेंज 5000 से 8000 किलोमीटर हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो चीन सहित कई देश अग्नि-5 की जद में आ जाएंगे। इसलिए चीन की सांसें इस समय फूल रही हैं। अग्नि-5 मिसाइल एक साथ डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह 17.5 मीटर लंबी है और इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है। यह मिसाइल एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस भारतीय मिसाइल में कई ऐसी खूबियां हैं, जिनके बारे में परीक्षण के बाद बताया जाएगा। अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट सफल होने पर भारत भी चुनिंदा 8 देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनसे पास इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इजराइल, चीन और उत्तर कोरिया शामिल है। डीआरडीओ के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि भारत ने मिसाइल प्रौद्योगिकी में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। अब देश में बेहद उन्नत मिसाइलों को विकसित किया जा सकता है। Agni-V ICBM बिल्कुल निशाने पर लगती है। यदि किसी वजह से सटीकता में अंतर आता भी है, तो वह 10 से 80 मीटर का ही होगा। हालांकि, इस अंतर से मिसाइल के घातक वार कम नहीं हो जाते. अग्नि-5 को लॉन्च करने के लिए जमीन पर चलने वाले मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया जाता है. इसे ट्रक पर लोड करके सड़क से किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। बता दें कि अग्नि के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने साल 2007 में पहली बार योजना बनाई थी।