एक ओलिंपिक, दो मेडल! कौन हैं अवनी लेखारा?

पैरालिम्पिक के एक संस्करण में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनी अवनी लेखारा। किसी भी तरह के ओलिंपिक में ऐसा कारनामा कर अवनी ने अपना नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराया है।  आइए जानते हैं अवनी के बारे में और क्या होता है पैरालिम्पिक? 
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Avni Lekhara with her medals
SH1 केटेगरी की शूटिंग स्पर्धाओं में अवनी ने जीते स्वर्ण समेत दो मेडल 
पैरालम्पिक ओलिंपिक के इतर एक ऐसा ओलिंपिक जिसमें भाग लेते हैं दिव्यांग एथलीट। जी हाँ किसी भी तरह की शारीरिक समस्याओं से जूझते हुए खिलाडियों के लिए हर ओलिंपिक के बाद होता है पैरालम्पिक। वर्ष 1960में इटली के रोम से शुरू हुआ यह सिलसिला अब लगातार हर 4वर्ष बाद ओलिंपिक के रूप में आयोजित होता है। यहाँ हर प्रकार की शारीरिक अक्षमताओं के लिए कैटेगरी निर्धारित की गई हैं और इन्हीं केटेगरी में आयोजित की जाती हैं सारी ओलिंपिक स्पर्धाएं। 
                        ऐसी ही एक कैटेगरीहैं SH1 जिसमें वे शूटर्स भाग लेते हैं जो हाथों अथवा पैरों से अक्षम होते हैं।  राइफल शूटिंग के लिए हालाँकि केवल निचले हिस्से से अक्षम शूटर्स ही भाग ले सकते हैं। इसी स्पर्धा में भाग खेलती हैं अवनी लेखारा, राजस्थान में विधि की छात्रा अवनी ने मात्र 11 वर्ष की उम्र में सन 2012 में एक वाहन दुर्घटना के चलते अपने पैर गंवा दिए। इसके बाद अपने पिताजी की प्रेरणा से अवनी ने तीरंदाजी के साथ खेलों की शुरआत की और धीरे-धीरे तीरंदाजी छोड़कर रायफल शूटिंग शुरू की जिसमें उनका खूब मन लगा। 
                          अवनी राइफल शूटिंग की 10 मीटर और 50 मीटर की स्पर्धाओं में भाग लेती हैं। वर्तमान में उनकी विश्व रैंकिंग 5 है। पैरालिम्पिक 2021 उनका पहला ओलिंपिक है और अपने पहले ही में 21 साल की अवनी ने पहले 10मीटर में एक स्वर्ण पदक जीता और फिर 50मीटर की स्पर्धा में जीता एक कांस्य पदक। जहाँ पहले वह स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाडी बनी वहीँ दूसरे पदक के बाद अब वह अकेली ऐसी भारतीय हैं जिसने ओलिंपिक के एक ही संस्करण में 2पदक जीते हैं।