आधुनिक क्रिकेट में ऑलराउंडरों की कमी के कारण: जैक्स कैलिस

"कई फॉर्मैट में क्रिकेट की अधिकता" से प्रभावित हो रहा है ऑलराउंडरों का विकास

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  • जैक्स कैलिस का मानना है कि आधुनिक क्रिकेट में ऑलराउंडरों की कमी हो गई है

  • उन्होंने कहा कि "कई फॉर्मैट में क्रिकेट की अधिकता" से ऑलराउंडरों का विकास प्रभावित हो रहा है

  • उन्होंने इमरान खान, रिचर्ड हैडली, इयान बॉथम और कपिल देव जैसे दिग्गज ऑलराउंडरों का भी जिक्र किया

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महान क्रिकेटर जैक्स कैलिस का मानना है कि आधुनिक क्रिकेट में ऑलराउंडरों की कमी हो गई है और इसका मुख्य कारण "कई फॉर्मैट में क्रिकेट की अधिकता" है। कैलिस ने कहा, "मुझे लगता है कि कई फॉर्मैट में क्रिकेट की अधिकता से ऑलराउंडरों का विकास प्रभावित हो रहा है। आज के खिलाड़ियों के पास एक फॉर्मैट में विशेषज्ञता हासिल करने का समय नहीं है।" उन्होंने कहा, "आज के खिलाड़ी हर फॉर्मैट में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव महसूस करते हैं, जिससे उनका ऑलराउंडर बनने का विकास प्रभावित होता है।" कैलिस ने कहा कि वह 1980 के दशक में इमरान खान, रिचर्ड हैडली, इयान बॉथम और कपिल देव जैसे दिग्गज ऑलराउंडरों के बहुत बड़े प्रशंसक थे। उन्होंने कहा, "उन ऑलराउंडरों ने अपने कौशल को एक फॉर्मैट में विकसित किया और फिर धीरे-धीरे अन्य फॉर्मैट में भी अच्छा प्रदर्शन करने लगे।" उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि आज के खिलाड़ियों को भी यही करना चाहिए। उन्हें एक फॉर्मैट में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए समय देना चाहिए और फिर धीरे-धीरे अन्य फॉर्मैट में भी अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करना चाहिए।"

कैलिस की बातों में दम है। आधुनिक क्रिकेट में तीनों फॉर्मैट - टेस्ट, वनडे और टी20 - का शेड्यूल काफी व्यस्त है। ऐसे में खिलाड़ियों को एक फॉर्मैट में विशेषज्ञता हासिल करने का समय नहीं मिल पाता है। इसके अलावा, हर फॉर्मैट में अलग-अलग तरह की स्किल्स की जरूरत होती है। टेस्ट में धैर्य और तकनीक की जरूरत होती है, वनडे में पावर और स्ट्राइक रेट की जरूरत होती है, और टी20 में विस्फोटक बल्लेबाजी और यॉर्कर फेंकने की जरूरत होती है। ऐसे में एक खिलाड़ी के लिए तीनों फॉर्मैट में अच्छा प्रदर्शन करना काफी मुश्किल होता है।

इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आधुनिक क्रिकेट में ऑलराउंडरों की कमी हो गई है। हालांकि, कुछ खिलाड़ी अभी भी तीनों फॉर्मैट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें बेन स्टोक्स, मार्कस स्टोइनिस, शाकिब अल हसन और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। उम्मीद है कि ये खिलाड़ी अन्य युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे और आधुनिक क्रिकेट में ऑलराउंडरों की कमी को दूर करेंगे।